जो नींद में जीते ज़िन्दगी के पल
करते जिस दुनिया में मुश्किलें हल
उड़ चले संग रैना
करने इच्छाओ को पूरा
थामे आँचल खुशियो का
न निंदिया का दामन छोड़ा
खुली आँखों से कुछ को पूरा करते भी देखा है
टूट कर बिखर जाने पर रोते बिलखते भी देखा है
हाँ मेने देखा है… कुछ के बेरंग सपनो में रंग भरते
कुछ के धूल में मिलते भी देखा है..!!!
जो नींद में जीते ज़िन्दगी के पल
करते जिस दुनिया में मुश्किलें हल
उड़ चले संग रैना
करने इच्छाओ को पूरा
थामे आँचल खुशियो का
न निंदिया का दामन छोड़ा
खुली आँखों से कुछ को पूरा करते भी देखा है
टूट कर बिखर जाने पर रोते बिलखते भी देखा है
हाँ मेने देखा है… कुछ के बेरंग सपनो में रंग भरते
कुछ के धूल में मिलते भी देखा है..!!!
good one....
ReplyDeletekeep it up...... :-)
thanks..:)
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